इसका निर्माण सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में करवाया था |
इसका निर्माण सवाईं जयसिंह ने 1699 में करवाया था |
इस दुर्ग में विश्व की सबसे बड़ी तोप जयबाण तोप हैं |
इस किले पर कभी भी आक्रमण नही हुआ था |
यह किला मावठा सरोवर को देखता हुआ प्रतीत होता हैं |
इसमें एक संग्रहालय हैं जिसमे बहुत सी उत्क्रष्ट चीजों व रचनाओं का संग्रह हैं |
इस महल को जयपुर का गहना कहा जाता हैं |
इस वेधशाला में सम्राट यंत्र हैं जो समय की एकदम सटीक जानकारी देता हैं |
इस पार्क में शेर, बाघ व अन्य जीव देखे जा सकते हैं |
यहां बना सूर्य देव का मंदिर जयपुर के सारे स्थानों से देखा जा सकता हैं |
यह मंदिर मोती डूंगरी के पास हैं |यह लक्ष्मीनारायण जी का मंदिर हैं|